Wednesday, 28 June 2023

Can a shorter medical course solve rural doctor shortages?

 भारत मे पर्याप्त स्वास्थय सुधाएँ  उपलब्ध नहीं है यह बात सबको पता है जितनी तेज़ी से मरीज़ो की संख्या बढ़ रही है चिकित्सको की संख्या लगातार कम ही होती जा रही है इसी समस्या से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सकों के लिए तीन साल का डिप्लोमा कोर्स शुरू करने पर विचार करने के लिए कहा था जो बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे काम करेंगे |
पढ़ कर कुछ अजीब सा लगता के तीन साल मे डिप्लोमा करके मरीज़ो का इलाज के संभव है| वैसे तो इस प्रस्ताव का उद्देश्य लोगो को प्रशिक्षित करके ग्रामीण छेत्रों में चिकित्सकों की कमी को पूरा करना है जो उन छेत्रों मे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों मे सेवा देंगे जिससे ग्रामीण आबादी को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाएँ | इस प्रकार का प्रस्ताव रखने के पीछे क्या कारण है इस बात को विस्तार के समझना ज़रूरी है तो आइये इसके पीछे के कारणो को समझने का प्रयास करते है -
भारत मे MBBS सीटों की अच्छी ख़ासी संख्या है जिसमे हर साल सभी सीटें भर जाती है इतने विद्यार्थी दाखिला लेते है फिर भी ग्रामीण छेत्रों मे चिकित्सकों की कमी बनी हुई है जिसका मुख्य कारण यह है की ये लोग ग्रामीण छेत्रों की जगह शहरी छेत्रों मे प्रैक्टिस करना पसंद करते है जिसके कारण ग्रामीण आबादी चिकित्सीए सुविधाओ से वंचित रह जाती है |
क्यू लोग ग्रामीण छेत्रों के ऊपर शहरों को महत्व देते है इसका जवाब जानना कोई मुश्किल काम नहीं है सबको ही पता है के ग्रामीण छेत्र मे बुनियादी सुविधाएं न के बराबर उपलब्ध होती है सुविधाये उस प्रकार उपलब्ध नहीं होती जितनी शहरों मे होती है भोगोलिक बाधाएँ होती है परिवहन की भी पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं होती है | यही कारण है की ग्रामीण इलाकों मे चिकित्सकों की कमी रहती है |
ग्रामीण इलाकों मे पूरी तरह से योग्य चिकित्सकों को लाना ओर उन्हें वहाँ बनाए रखना महंगा ओर चुनौती पूर्ण हो साता है इसलिए शायद बंगाल के मुख्यमंत्री को तीन का डिप्लोमा करवा कर लोगो को ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए लाना ज्यादा अच्छा समाधान लगा हो |
जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते है इस प्रस्ताव के भी आपने लाभ ओर हानि है लाभ देखे तो ग्रामीण इलाकों मे चिकित्सकों की कमी पूरी होगी लोगो तक चिकित्सीए सुविधायें पहुचेंगी जिससे आपात की स्थिति से निपटने के लिए बेसिक सुविधाए उपलब्ध हो जायेगी |
लेकिन किसी बीमारी को अगर मिटाना हो तो उपर उपर से उसका इलाज करके जड़ से मिटाना संभव नहीं है अगर बीमारी को पूरी तरह मिटाना हो तो उसका इलाज परमानेंट होना चाहिए ठीक उसी तरह 3 साल का डिप्लोमा करवा कर बेसिक तौर पर चिकित्सको को उपलब्ध करवाया जा सकता है लेकिन इसका पर्मामेंट इलाज यही होगा चिकित्सकों को ग्रामीण इलाकों मे प्रैक्टिस करने के लिए प्रोत्साहित किया जाये ताकि वे खुशी खुशी ग्रामीण इलाकों मे आए जिसके लिए ज़रूरी है कि बेसिक सुविधाएं उपलब्ध कारवाई जाये परिवहन की कमी को पूरा किया जाये प्राथमिक तौर पर इलाज़ के लिए जिस जिस सामान की ज़रूरत होती है वह सब उपलब्ध करवाया जाये ताकि जो चिकित्सक ग्रामीण छेत्र मे आए वह अपने चिकित्सीए छेत्र का महारथी हो |


Tuesday, 27 June 2023

INDIA AND EGYPT

भारत के प्रधान मंत्री की मीस्र यात्रा हाल ही मे चर्चा का विषय बनी हुई है क्यूकी 1997 के बाद पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री मिस्र के दोरे पर हैं|
भारत के प्रधानमंत्री को मिस्र के राष्ट्रपति द्वारा वहा के सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ द नाइल 
से सम्मानित किया गया है| मिस्र की यह यात्रा दोनों देशों के बीच द्वि पक्षीए संबंधों पर बातचीत करने के लिए है जिससे दोनों के संबंध मे मजबूती आएगी इस यात्रा की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं -
A. Strategic Partnership Agreement-
रणनीतिक साझेदारी समझोता में विभिन्न विषय शामिल हैं
1 राजनीतिक 
2 रक्षा ओर सुरक्षा 
3 आर्थिक जुड़ाव
4 वैज्ञानिक ओर शैक्षणिक सहयोग
5 सांस्कृतिक ओर लोगों का लोगों से सहयोग 
 B. Memorandum of Understanding(MoUs)-
कृषि, पुरातत्व ओर पुरावशेष तथा प्रतिस्पर्धा के छेत्र में द्वि पक्षी चर्चाएँ
जी-20 मे सहयोग 
खाद्य ओर ऊर्जा सुरक्षा 
जलवायु परिवर्तन ओर स्वच्छ ऊर्जा सहयोग
C.COMMONWEALTH WAR GRAVE CEMETERY -
भारतीए प्रधानमंत्री ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र और अदन मे अपनी जान गंवाने वाले 4,300 से अधिक भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी   
D. EGYPT'S PARTICIPATION IN G-20 SUMMIT-
2023 मे G-20 की अध्याक्षिता भारत के पास है जिसमे भारत ने मिस्र को अतिथि देश 
के रूप मे नामित किया है|
E. AL-HAKIM MOSQUE 
भारतीए प्रधानमंत्री ने काहिरा मे 11वी सदी की अल-हकीम मस्जिद का दौरा किया , जिसे भारत के दाऊदी बोहरा समुदाए द्वारा बहाल किया गया था |

Egypt

भारत-मिस्र संबंध: 

  • इतिहास: 
    • विश्व की दो सबसे पुरानी सभ्यताओं, यथा- भारत और मिस्र के बीच संपर्क का इतिहास काफी पुराना है और इसका पता सम्राट अशोक के समय से लगाया जा सकता है। 
      • अशोक के अभिलेखों में टॉलेमी-द्वितीय के तहत मिस्र के साथ उसके संबंधों का उल्लेख है।
    • आधुनिक काल में महात्मा गांधी और मिस्र के क्रांतिकारी साद जगलुल का साझा लक्ष्य ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करना था।  
      • 18 अगस्त, 1947 को राजदूत स्तर पर राजनयिक संबंधों की स्थापना की संयुक्त रूप से घोषणा की गई थी।
    • वर्ष 1955 में भारत और मिस्र ने एक मित्रता संधि पर हस्ताक्षर किये। वर्ष 1961 में भारत और मिस्र ने यूगोस्लाविया, इंडोनेशिया एवं घाना के साथ गुटनिरपेक्ष आंदोलन (Non-Aligned Movement- NAM) की स्थापना की। 
    • वर्ष 2016 में भारत और मिस्र ने राजनीतिक-सुरक्षा सहयोग, आर्थिक जुड़ाव, वैज्ञानिक सहयोग तथा लोगों के बीच संबंधों के सिद्धांतों पर एक नए युग के लिये नई साझेदारी बनाने के अपने इरादे को रेखांकित करते हुए एक संयुक्त घोषणापत्र जारी कि 
    • इस वर्ष की बैठक के दौरान भारत और मिस्र दोनों द्विपक्षीय संबंधों को "रणनीतिक साझेदारी" के रूप में बेहतर बनाने पर सहमत हुए। 
      • रणनीतिक साझेदारी के मोटे तौर पर चार तत्त्व होंगे: राजनीतिक; रक्षा और सुरक्षा, आर्थिक जुड़ाव, वैज्ञानिक तथा शैक्षणिक सहयोग, सांस्कृतिक एवं लोगों बीच संपर्क।
    • भारत एवं मिस्र ने प्रसार भारती और मिस्र के राष्ट्रीय मीडिया प्राधिकरण के बीच विषय-सामग्री विनिमय, क्षमता निर्माण तथा सह-निर्माण की सुविधा हेतु तीन वर्ष के लिये समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding -MoU) पर हस्ताक्षर किये।
      • इस समझौते के तहत दोनों प्रसारक द्विपक्षीय आधार पर खेल, समाचार, संस्कृति, मनोरंजन जैसी विभिन्न शैलियों के अपने कार्यक्रमों का आदान-प्रदान करेंगे।
  • OIC में भागीदार:  
    • भारत, मिस्र को मुस्लिम-बहुल देशों के बीच एक उदार इस्लामी देश के रूप में और इस्लामिक सहयोग संगठन (Organization for Islamic Cooperation -OIC) में एक भागीदार के रूप में देखता है।  

Tuesday, 6 December 2022

Women In Judiciary

भारत के सुप्रीम कोर्ट  के इतिहास मे तीसरी बार एक ऐसी बेंच का गठन किया गया है जिसमे सिर्फ महिला होंगी| पहली बार सुप्रीम कोर्ट मे 2013 मे महिला बेंच का गठन किया गया था, जिसमे जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और रंजना देसाई एक साथ बेठे थे और उसके बाद दूसरी बार 2018 मे जस्टिस R. BHANUMATI और INDIRA BANERJEE की बेंच का गठन किया गया था |
वर्तमान मे (2022) इस बेंच का गठन चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया D.Y CHANDRACHUD के द्वारा किया गया है|
न्यायपालिका में महिलाओं की स्थिति 
आज़ादी के 75 साल बाद भी, न्यायपालिका मे महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए कोई महत्वपूर्ण प्रयास नहीं किये गये है| सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के बाद से केवल 11 महिला न्यायधीश हैं,और अब तक कोई भी महिला मुख्य न्यायधीश नहीं बनी है|भारत के उच्च न्यायालयों मे 680 न्यायाधीशों में सिर्फ 83 ही महिला हैं| अधीनस्थ न्यायालयों मे भी सिर्फ 30% ही महिला देखने को मिलती हैं|
आज के समये मे शीर्ष अदालत मे सिर्फ तीन महिला न्यायाधीश हैं,जिनमे न्यायमूर्ति कोहली,बी वी नागरतना, और त्रिवेदी शामिल हैं|
2027 मे भारत को पहली मुख्य महिला न्यायाधीश मिलने जा रहीं हैं जो कि जस्टिस नागरतना होंगी |
  कम महिला प्रतिनिध्व के कारण -
1.महिलाओं के प्रतिधित्व मे कमी होने का मुख्य कारण समाज पर  पेट्रीक सोच का दबाव होना है, जहा आज भी महिलाओं को पुरुषों के पीछे रहने पर ज़ोर दिया जाता है| 
2. न्यायाव्यवस्था मे अपारदर्शी कोलेजियम प्रणाली कार्य कर रही है|
3. महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया गया है|
4. इसके साथ कि उन पर पारिवारिक जिम्मेंदारियाँ भी होती हें, जिसके चलते मे आगे नहीं बाद पाती हें|
5. मुक़दमेबाज़ी मे पर्याप्त महिलाएं नहीं हैं( जिसकी वजह से महिलाये ऐसी जगह पर नहीं जाना चाहती )
6. न्यायिक अवसंरचना (infrastructure) भी महिलाओं को काम करने के लिए प्रेरित नहीं करता है|
  महिलाओं का प्रतिनिधित्व क्यू ज़रूरी है ??
न्याय वितरण प्रणाली मे सुधार लाने के लिए जरूरी है कि न्यायापालिका मे महिलाओ कि भागीरदारी को ज्यादा से ज्यादा बड़ावा दिया जाये| समाज मे ज्यादा तर कुरीतियाँ महिलाओ के साथ होती है इसलिए ये ज़रूरी है कि उनकी सुनवाई भी महिला द्वारा ही कि जाये क्यूकी उसका हल पुरुषों कि अपेक्षा महिला ज्यादा सटीक निकाल सकती हैं| इसके साथ ही महिलाओं मे अलग अलग प्रभावों कि सूक्ष्म समझ होती है |लोगो तक एक शक्तिशाली संदेश भेजने के लिए ओर उनके किये न्याय सुलभ कराने के लिए जो न्याए चाहते है, ज़रूरी है कि अदालतों कि वैधता मे वृद्धि कि जाये|
इसके साथ ही योन हिंसा से जुड़े मामलों के लिए एक संतुलित और  सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण को अपनाया जाना चाहिए , इस लिए ज़रूरी है कि न्याय व्यवस्था  मे महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बड़ाया जाना चाहिए|

Monday, 5 December 2022

Draft Aircraft Security rule,2022

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने, विमान सुरक्षा नियम 2022, के मसौदे को अधिसूचित किया है| जो विमानन सुरक्षा नियामक , नागरिक सुरक्षा ब्यूरो ( Bureau of civil aviation security - BCAS) को सुरक्षा उपायों के उल्लंघन के लिए हवाई अड्डो और एयर लाइनों पर RS. 1 करोड़ तक का जुर्माना लगाने मे सक्षम बनाता है|

उद्देश्य :अंतर्राष्ट्रीय  हवाई परिवहन की योजना और विकास को बढ़ावा देना |
       
DRAFT AIR CRAFT RULE, 2022            
1. ड्राफ्ट नियमों को अंतिम रूप देने के बाद, BCAS इन सुरक्षा कार्यक्रम तैयार करने और लागू करने मे विफल रहने पर हवाई अड्डो और एयर लाइनों पर रु. 50 लाख से रु.1 करोड़ (कम्पनी के आकार के आधार पर ) जुर्माना लगा सकती है|
2. कम्पनी के साथ साथ व्यक्तियों पर भी उनके अपराध के आधार पर रु. 1 लाख से रु. 25 लाख तक के दण्ड का भी  सामना करना पड़ सकता है |
3. साइबर सुरक्षा के खतरों से बचने के लिए नियमों मे प्रत्येक इकाई को अपनी सूचना और संचार प्रद्योगिकी प्रणाली को अनधिकृत उपयोग से बचाने तथा संवेदनशील विमानन सुरक्षा जानकारी को प्रकट करने पर रोक लगाने की भी ज़रूरत है |
4. मसौदा नियम अब हवाई अड्डों को गैर-मुख्य क्षेत्रों मे CISF (CENTRAL INDUSTRIAL SECURITY FORCE -CISF ) कर्मियों के बजाए निजि सुरक्षा एजेंट को नियुक्त करने की बात की है |

 

Sunday, 4 December 2022

Black- Naped Pheasent-Pigeon

 लगभग 140 वर्षों के बाद वैज्ञानिकों द्वारा  एक दुर्लभ पक्षी ब्लैक नेप्ड तीतर कबूतर को फिर से खोज निकाला गया है |

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक इस पक्षी को आखिरी बार 140 साल पहले देखा गया था| इस पक्षी को पापुआ न्यू गिनी के जंगलों मे लगे कैमरों के ज़रिये ट्रैप किया गया है |

ब्लैक नेप्ड तीतर कबूतर देखने मे एक विस्तृत पूंछ वाला पक्षी है | जो ज़मीन पर रहता है | यह पक्षी आमतौर पर पहाड़ी छेत्रों और निचले पर्वतीय छेत्रों के आस पास रहते है,और निचले इलाकों मे भी पाये जा सकते है |

यह न्यू गिनी और उसके आस पास के द्वीपों के प्राथमिक वर्षा वनों मे पाया जाता है|

Saturday, 3 December 2022

Handbook Of Statistic On Indian States

     भारतीय रिज़र्व बैंक(RBI), देश की केन्द्रीय बैंकिंग संस्था, 2016 से हर साल भारतीय राज्यों पर संखियिकी की पुस्तिका निकलती है | यह पुस्तिका सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सामाजिक - आर्थिक संकेतकों की एक विस्तृत शृंखला पर मात्रात्मक डेटा प्रदान करती है | इनमे सामाजिक और जन सांखियिकी, विशेषताये, राज्य के घरेलू उत्पाद, कृषि, बुनियादी ढांचा, बैंकिंग और वित्तीय विकास शामिल है|

     सांखियिकी Handbook 2021-2022 का सातवाँ संस्करण RBI द्वारा जारी किया गया है| जो भारत की क्षेत्रिय अर्थवयवस्था के बारे मे व्यापक डेटा प्रदान करती है|

    सांखियिकी के इस नए संस्करण मे दो नए भागों को जोडा गया है|
1 स्वास्थ्य
2 वातावरण

Can a shorter medical course solve rural doctor shortages?

 भारत मे पर्याप्त स्वास्थय सुधाएँ  उपलब्ध नहीं है यह बात सबको पता है जितनी तेज़ी से मरीज़ो की संख्या बढ़ रही है चिकित्सको की संख्या लगातार कम ह...